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" संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं...."

Ek Geet Sau Afsane

Episode   ·  131 Plays

Episode  ·  131 Plays  ·  17:54  ·  Jul 11, 2023

About

आलेख : सुजॉय चटर्जी वाचन : रीतेश खरे 'सब्र' प्रस्तुति : संज्ञा टंडन नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म और ग़ैर-फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और उनके विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। आज के अंक के लिए हमने चुना है वर्ष 1997 की फ़िल्म ’बॉर्डर’ का गीत "संदेसे आते हैं, हमें तड़पाते हैं, के घर कब आओगे"। रूप कुमार राठौड़, सोनू निगम और साथियों की आवाज़ें, जावेद अख़्तर के बोल और अनु मलिक का संगीत। कैसे रचा गया यह कालजयी गीत? इस गीत की धुन कैसे तय हुई? गीत का वह कौन सा हिस्सा था जिसे लिख कर जावेद अख़्तर को लगा कि अब इसकी धुन बनाने में अनु मलिक को मुश्किल होगी? जे. पी. दत्ता ने ऐसा क्या दिखाया जिनसे प्रभावित होकर अनु मलिक ने एक से एक बेहतरीन गाने इस फ़िल्म के लिए रच डाले? सोनू निगम और रूप कुमार राठौड़, तथा इस गीत को मिलने वाले तमाम इनाम। ये सब आज के इस अंक में।

17m 54s  ·  Jul 11, 2023

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